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सुदामा की मुक्ति

अमर गोस्वामी

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2001
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6166
आईएसबीएन :81-237-3398-4

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छोटे गुरुजी रामभजन शहर के रहने वाले थे। शहर से गांव पांच मील दूर था। वे रोज साइकिल से पाठशाला आते थे। वे समय के पक्के थे। पाठशाला में आकर घंटी बजवा देते तब मंझले गुरुजी दीनानाथ अपने गांव से रवाना होते थे।

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